Tuesday 14 July 2020

केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री नित्यानंद राय ने प्राकृतिक आपदा के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए सहयोगात्मक लघु और दीर्घकालिक शमन और न्यूनीकरण के उपायों पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया।

14 जुलाई 2020

नरेन्द्र कुमार


नई दिल्ली: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम), गृह मंत्रालय और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित वेबिनार “वज्रपात एवं आकाशीय बिजली” के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की।
एक दिवसीय वेबिनार का केंद्र-बिंदु वज्रपात एवं आकाशीय बिजली के जोखिमों की बेहतर समझ के संदर्भ में मानव क्षमता को विकसित करना तथा उन जोखिमों को कम करने और प्रभावित हितधारकों के बीच लचीलापन बढ़ाने के लिए आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर प्रधानमंत्री के 10 सूत्री एजेंडे और सें डाइ फ्रेमवर्क को लागू करके प्रभावी सहयोगात्मक कार्रवाई करना था।

वेबिनार का उद्देश्य प्रतिभागियों को “वज्रपात एवं आकाशीय बिजली” के जोखिम आकलन, पूर्वानुमान, तैयारी और शमन के साथ-साथ समय पर प्रतिक्रिया और पुनरूद्धार के लिए तकनीकी ज्ञान और उपलब्ध संसाधनों के बारे में जागरूक करना था।
अपने संबोधन में नित्यानंद राय ने “वज्रपात एवं आकाशीय बिजली” के प्रतिकूल जोखिमों को कम करने के लिए भारत सरकार के विभागों द्वारा किए गए प्रमुख हस्तक्षेपों पर प्रकाश डाला। राष्ट्र के विकास में आपदा जोखिम शमन व न्यूनीकरण के उपायों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने इस प्राकृतिक आपदा के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए सहयोगात्मक लघु और दीर्घकालिक शमन और न्यूनीकरण के उपायों पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण विषय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निरंतर समर्थन, मार्गदर्शन और गहरी रुचि पर प्रकाश डाला। उन्होनें प्रधानमंत्री द्वारा आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर दिये गए 10 सूत्रों को अपनाने के साथ-साथ अनुसंधान आधारित आपदा जोखिम न्यूनीकरण रणनीति, भागीदारी दृष्टिकोण और सक्रिय निवारक और शमनात्मक रणनीति अपनाने पर बल दिया।

वेबिनार में बोलते हुए डॉ राजीवन, सचिव, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने अपने मंत्रालय द्वारा वज्रपात एवं आकाशीय बिजली पर किए जा रहे महत्‍वपूर्ण कार्यों जैसे मोबाइल ऐप दामिनी, वेदर मॉडलिंग, डॉप्लर वेदर रडार और लाइटनिंग डिटेक्टर सिस्टम आदि की जानकारी दी। इसके अलावा उन्होंने अपने दृष्टिकोण को पूर्वानुमान से तात्कालिक अनुमान पर स्थानांतरित करने और वज्रपात एवं आकाशीय बिजली की पूर्व चेतावनी को उनसे संबन्धित हितधारकों तक पहुँचने के लिए उचित रणनीतियां तैयार करने पर जोर दिया।

वेबिनार के उद्घाटन सत्र के अन्य गणमान्य व्यक्तियों में मेजर जनरल मनोज कुमार बिंदल, कार्यकारी निदेशक,एनआईडीएम तथा डॉ मृत्युंजय महापात्र, महानिदेशक, भारत मौसम विज्ञान विभाग शामिल थे। इस सत्र के बाद विशिष्ट वक्ताओं के व्याख्यान हुए, जिनमे डॉ वी. तिरुपुगाज, अपर सचिव (नीति एवं योजना), एनडीएमए; डॉ सूर्य प्रकाश प्रमुख, जीएमआर विभाग, एनआईडीएम तथा डॉ सोमा सेन रॉय, वैज्ञानिक – एफ़, आईएमडी शामिल थे।



वरिष्ट पत्रकार
डॉ० जसबीर आर्य,

प्रधान संपादक एवं चेयरमैन
DTN--CFIB मीडिया चैम्बर्स
वेबसाइट:
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