Saturday 8 August 2020

फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर लोगो को धमकी देकर लूटने वाला आरोपी दिल्ली पुलिस के शिकंजे में।

9 अगस्त 2020

नरेन्द्र कुमार


नई दिल्ली: डीसीपी संजय भाटिया सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के स्टाफ ने फर्जी दिल्ली पुलिस कर्मी के रूप में पूर्व दिल्ली परिवहन कर्मचारी को लोगो से जबरन वसूली के लिए गिरफ्तार किया गया।
मामला 23 जुलाई 20 को शिकायतकर्ता ने पुलिस स्टेशन आईपी एस्टेट में बताया कि वह ऐप ज़ोमेटो देने वाले भोजन में काम करता है। पांडव नगर में भोजन देने के बाद वह अपनी बाइक पर डीडीयू मार्ग से लौट रहे थे। जब वह आम आदमी पार्टी के कार्यालय डीडीयू मार्ग के पास पहुंचे, तो एक ऑटो में पुलिस की वर्दी में बैठे एक व्यक्ति ने उन्हें रोक दिया और कानूनी कार्रवाई और लापरवाही से गाड़ी चलाने के लिए धमकी दी और 8000/- रूपए का जुर्माना मांगा।

जब शिकायतकर्ता ने जुर्माना देने में असमर्थता जताई तो उस व्यक्ति ने उसे अपने ऑटो में बैठने के लिए मजबूर किया और एटीएम से रुपये निकालने के लिए कहा उसने धमकी भी दी कि अगर जुर्माना नहीं भरा गया तो उसे एक गम्भीर मामले में फंसा दिया जाएगा। पीड़ित शिकायतकर्ता उस ऑटो में कनॉट प्लेस गया और पैसे निकालने के लिए उसे आईसीआईसीआई के एटीएम में भेजा। उस समय एक मौका पाकर वह एटीएम से भाग गया और वापस डीडीयू मार्ग पर पहुंच गया जहां उसकी बाइक खड़ी थी। इस बीच उसका मोबाइल फोन भी आरोपी ने ले लिया था।

इस लूट की सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए। टीमों का गठन किया गया सीसीटीवी फुटेज की जाँच की गई और मुखबिरों को सक्रिय किया गया, कई पुलिस थानों के रिकॉर्ड भी इसी तरह के मोडस ऑपरेंडी वाले सुराग के लिए जाँच किए गए। इस मामले को सुलझाने के लिए एसआई मोहित असिवल, हैडकांस्टेबल संजय कुमार, हैडकांस्टेबल बिट्टू तोमर और कांस्टेबल रमेश कुमार का गठन किया गया। निरीक्षण की निकट निगरानी में इंस्पेक्टर नेकी राम लांबा, SHO आई.पी. एस्टेट और अनिल कुमार, एसीपी कमला मार्केट करीबी देख रेख में काफी भाग दौड़ के बाद उक्त टीम ने छापा मारकर आरोपी को गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपी सुभाष चंदर उर्फ मुकेश उम्र 44 वर्ष D -253, शिव वाटिका, कच्ची कॉलोनी, लोनी, गाजियाबाद, यू.पी.के रूप मे हुई।
 
निरन्तर पूछताछ के दौरान आरोपी सुभाष चंदर उर्फ मुकेश ने खुलासा किया कि वह दिल्ली परिवहन विभाग में काम करता था और 2005 में भ्रष्टाचार के आरोपों में बर्खास्त कर दिया गया था। बर्खास्तगी के बाद परिवार का पालन पोषण बनाए रखने के लिए कोई काम नहीं था और उसने दिल्ली पुलिस के नाम पर लोगों को धोखा देना शुरू कर दिया। परिवहन अधिकारी या दिल्ली पुलिस अधिकारी। उसने क्षेत्र में कई घटनाओं को अंजाम दिया है। घटना के समय जो वर्दी आरोपी ने पहनी हुई थी वह भी उसके घर से बरामद की गई।

यह पता लगाने के लिए कि क्या अन्य मामलों में भी उसकी संलिप्तता है, आगे की जांच जारी है।

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