10 अगस्त 2020
नरेन्द्र कुमार
नई दिल्ली: बच्ची को चाचा झारखंड से दिल्ली काम दिलवाने के बहाने लेकर आया था। दिल्ली के एक घर में घरेलू सहायिका के काम पर लगवाया गया काम के लिए नही दिए जाते थे पैसे और कि जाती थी मारपीट।
"दिल्ली महिला आयोग" ने रविवार देर रात को दिल्ली के मॉडल टाउन इलाके से एक 13 वर्षीय झारखंड की रहने वाली लड़की को रेस्क्यू करवाया। आयोग को एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा सूचना मिली कि मॉडल टाउन के एक घर में एक नाबालिग बच्ची को बिना वेतन दिए घरेलू सहायिका के कार्य पर रखा गया है और वहां उसे मारा पीटा जाता है। शिकायत मिलते ही तुरंत आयोग ने एक टीम को दिए हुए पते पर भेजा जो की लड़की से मिले।
लड़की ने बताया कि वो झारखंड के तंबाजोर गांव, गोडा ज़िले की रहने वाली है लड़की के माता पिता बहुत गरीब हैं और गांव में खेती करके अपना गुज़ारा करते हैं। पीड़िता के परिवार में माता पिता के अलावा उसके दो भाई और दो बहनें और हैं। पीड़िता तीसरी कक्षा तक पढ़ी है, उसके बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी। लगभग पांच से छह महीने पहले लड़की का चाचा काम दिलाने के बहाने उसे गांव से दिल्ली लेकर आ गया और किसी प्लेसमेंट एजेंसी में उसे छोड़ दिया। प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा लड़की को मॉडल टाउन के एक घर में काम पर लगाया गया पीड़िता ने बताया कि उसे घर के काम के लिए रखा गया था जिसके लिए न उसे वेतन दिया जाता और समय समय पर उसे मारा पीटा जाता रहा।
पीड़िता को घर से रेस्क्यू कर वाकर थाने ले जाया गया जहां से पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए अस्प्ताल ले जाया गया। पीड़िता के बयान दर्ज किए गए और उसके बाद लड़की को शेल्टर होम में रखवाया गया। पीड़िता को आज (सोमवार) बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया जाएगा जिसके बाद मामले में FIR दर्ज की जाएगी एवं लड़की का वेतन उसको दिलवाया जाएगा। लड़की अब सुरक्षित है और घर से निकलने पर खुश है।
"दिल्ली महिला आयोग" अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने कहा दिल्ली महिला आयोग दिन रात मेहनत कर लोगों की ज़िंदगी बचाने का काम कर रहा है। प्लेसमेंट एजेंसी का रैकेट आज एक खतरनाक स्तर तक फैल चुका है। छोटी छोटी बच्चियों के बचपन उनसे छीने जा रहे हैं। झारखंड, असम, बिहार और अन्य राज्यों से न जाने कितनी लड़कियों को दिल्ली लाया जाता है और उन्हें प्लेसमेंट एजेंसी के रैकेट में धकेल दिया जाता है। हमारा संकल्प है प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा चलाए जा रहे इस धंधे को बंद करवाकर ही दम लेंगे!
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