25 जून 2020
नरेन्द्र कुमार
नई दिल्ली: "दिल्ली महिला आयोग" ने दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 20 इलाके से एक 16 वर्ष की बच्ची का बाल विवाह रुकवाया। आयोग की 181 हेल्पलाइन पर पीड़िता ने स्वयं फोन करके बताया कि उसके घरवाले उसकी मर्ज़ी के बिना ज़बरदस्ती उसका विवाह करवा रहे हैं। पीड़िता ने बताया कि 5 दिन पहले ही उसका रिश्ता तय हुआ था और उसने न आजतक कभी लड़के को देखा था न उससे आजतक मिली है।
शिकायत मिलने पर दिल्ली महिला आयोग की टीम पुलिस को साथ लेकर मौके पर पहुंची और मौके पर पहुंचकर देखा कि घर के बाहर टेंट लगा हुआ था। आसपास के घरों से पता करने पर ये जानकारी मिली कि लड़की नाबालिग है और आज उसकी हल्दी की रस्म है और 22 जून की शादी कर दी जाएगी। टीम पीड़िता के घर पहुंची और रस्म को रुकवाया।
जब पीड़िता की उम्र का प्रमाण उसके घरवालों से मांगा गया तो घरवाले दस्तावेज़ भी नहीं दिखा पाए। इन्क्वारी के बाद पता चला कि लड़की का जन्म 2004 का है और उसकी उम्र अभी 16 साल ही है। लड़की ने 8वी कक्षा के बाद पढ़ाई भी छोड़ दी थी। लड़की के माता पिता चाहते थे कि अपने सामने अपनी लड़की का विवाह देख पाएं, इसलिए लड़की का विवाह करवा रहे थे।
टीम द्वारा केस की सूचना चाइल्ड वेलफेयर कमिटी एवं SDM कार्यालय में दी गयी एवं स्थानीय SHO की मौजूदगी में लड़की के माता पिता ने अपनी गलती मानते हुए लिखित में आश्वासन दिया कि लड़की की बिना मर्ज़ी विवाह नहीं करवाएंगे और न ही बालिग होने तक उसपर कोई दबाव बनाएंगे। पीड़िता की कॉउंसलिंग की गई और उसके बाद मामले में DD एंट्री दर्ज की गई है और FIR दर्ज करने की प्रकिया में है
दिल्ली महिला आयोग अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने कहा "दिल्ली महिला आयोग की 181 हेल्पलाइन कोरोना महामारी कर दौरान भी मुस्तैदी से दिन रात काम कर रही है। जिस प्रकार बाल विवाह करवाकर छोटी उम्र में लड़कियों से उनका बचपन छीना जाता है, ये बहुत ही गलत है। टीम द्वारा समय रहते केस में कार्यवाई की गई और बच्ची का विवाह होने से रोका गया, हम चाहते हैं इस मामले में FIR दर्ज हो और कड़ी कार्यवाई की जाए"
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