Monday 7 October 2019

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से 2018 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों ने औपचारिक भेंट की।

8 अक्तूबर, 2019

सीनियर फोटोग्राफर एवं रिपोर्टर
नरेन्द्र कुमार


नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज 2018 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ईश्वर ने आपको देश सेवा का बहुत बड़ा मौका दिया है इसलिये जिम्मेदारी से काम करना होगा। आपका यह प्रयास होना चाहिए कि संवेदनशील होकर ड्यूटी करें जिसमें कई तरह की चुनौतियां आएंगी पर सफलता के लिए अडिग रहना जरूरी है। शाह का कहना था कि यह सेवा स्वयं के या परिवार के लिए न होकर देश के लिए होनी चाहिए।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा तथा कानून-व्यवस्था देश की रीढ़ की हड्डी है जिसके बिना विकास संभव नहीं है। उनका कहना था कि  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश को 5 ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने में कानून व्यवस्था की महत्वपूणॆ भूमिका है। गृहमंत्री का कहना था कि छवि निर्माण एक-दो दिन में नहीं होता बल्कि एक लंबा अंतराल चाहिए। पुलिस की नकारात्मक छवि बनाने में साहित्य, अखबार और फिल्मों का योगदान ज़्यादा है। शाह का कहना था कि एक समान सोच, दिशा, गति तथा मुक्त चिंतन से छवि सुधारने का काम किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अपने कार्य से अपनी विश्वसनीयता बनानी होगी तथा लगातार सकारात्मक सोच ही आपकी छवि को अच्छा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
गृहमंत्री शाह ने पुलिस रिफोर्म पर कहा कि कानून व्यवस्था राज्य का विषय होता है। और केंद्र सरकार सलाहकार की भूमिका में होती है। उन्होंने यह भी कहा कि नीचे से नीचे का कर्मचारी भी पुलिस महकमे का महत्वपूर्ण हिस्सा है। और कांस्टेबल के भी अनुभव का लाभ लिया जाना चाहिए। शाह का कहना था कि किसी भी व्यवस्था को प्रभावी तथा तकनीकी रूप से सक्षम बनाने की लगातार आवश्यकता होती है किंतु पुलिस व्यवस्था में पुरानी परंपराओं को छोड़कर सफलतापूर्वक कार्य नहीं किया जा सकता है। इसलिये विस्तार से पुरानी परंपराएं जानकर उन्हें भी पुनर्जीवित करें। शाह ने कहा कि IPC और CRPC की रचना अंग्रेजों द्वारा की गई थी। उनका उद्देश्य अलग था परंतु अब कल्याणकारी राज के लिये कानून की प्राथमिकता नये सिरे से तय करने की आवश्यकता है इसलिये IPC और CRPC में धारणात्मक बदलाव की जरूरत है। उनका यह भी कहना था कि कानून व्यवस्था जनता के कल्याण के लिए होनी चाहिए न कि उनमें भय पैदा करने के लिए। शाह का कहना था कि नरेंद्र मोदी सरकार के लिये देश की आंतरिक सुरक्षा और बेहतर कानून व्यवस्था सर्वोपरि है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने असम राज्य में NRC में आने वाली चुनौतियों पर पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में कहा कि जो कार्य आवश्यक है। उसे करना चाहिए चाहे कानून व्यवस्था के लिए कितनी भी चुनौतियां सामने आएं। शाह ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 का उदाहरण देते हुए कहा कि विरोधियों द्वारा तमाम तरह की अड़चनें रखी गई। आज़ादी के बाद कितने ही लोगों की जानें गई किंतु धारा 370 हटाने के बाद एक भी जान नहीं गई। उन्होंने यह भी कहा कि विश्व के अन्य,अधिक आबादी वाले देशों का अध्ययन किया जाए, सब जगह सिटीजन रजिस्टर लागू है। उनका कहना था कि NRC के बाद देश हित में नीतियां बनाने में आसानी होगी। इस संदर्भ में शाह ने उज्ज्वला योजना की चर्चा करते हुए कहा कि पूर्व की गणना के हिसाब से ही घर-घर में गैस पहुंचाने का काम किया जा रहा है और 2022 तक हर घर में गैस पहुंचाने का लक्ष्य प्राप्त किया जाएगा। शाह ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ विरोधियों द्वारा NRC को राजनीतिक कदम कहा जा रहा है।
शाह का कहना था कि जम्मू-कश्मीर को हमेशा के लिए केंद्रशासित प्रदेश नहीं बनाया गया है। जैसे ही वहां कानून-व्यवस्था सामान्य होगी पूर्ण राज्य का गठन कर दिया जाएगा। शाह ने कहा कि कुछ लोगों का कहना था कि धारा 370 के कारण वहां संस्कृति बची हुई थी किंतु मेरा यह कहना है कि संविधान ने अलग-अलग भाषाओं और संस्कृतियों को बचाकर देश का निर्माण करने का कार्य किया है इसलिये धारा 370 की संस्कृति बनाने या बचाने में कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि धारा 370 का सबसे ज़्यादा उपयोग पाकिस्तान ने सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने में किया है। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट बनाया, बच्चों को हथियार पकड़ा दिए गए और हालात यह हो गये कि मारने वाले भी हमारे और मरने वाले भी हमारे शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच है कि और फोरेंसिक साइंस विश्वविद्यालय की स्थापना हो ताकि इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों को 12वीं के बाद ही उचित मार्गदर्शन दिया जा सके और वह अपने भविष्य का निर्माण कर सकें। इस मौके पर महिला, IPS अधिकारियों को संबोधित करते हुए शाह का कहना था कि आरक्षण स्थाई सफलता नहीं है, आपकी सफलता ही दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा बन सकती है। इसलिए धीरे-धीरे मन बदलना होगा और स्वत: ही महिलाओं को सेना, पुलिस तथा आंतरिक सुरक्षा के विभागों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना होगा।

शाह ने कहा कि नए भारत के निर्माण के लिए समाज से पुलिस का भय निकालना होगा तथा उनमें यह विश्वास जगाना होगा कि पुलिस उनकी सलामती के लिए है। शाह ने कहा कि अनुशासन के नाम पर जवाबदेही से पलायनवाद नहीं होना चाहिए और न ही समझौता करना चाहिए। संविधान में 3 लोगों को दायित्व दिया गया है। पहली जनता है जो एक दिन वोट देकर अपने दायित्व का निर्वहन करती है, दूसरा जनता का प्रतिनिधि होता है जो 5 वर्ष के लिए निर्वाचित होकर संविधान द्वारा सौंपे गए कार्य करने का दायित्व निभाता है किंतु नौकरशाही (ब्यूरोक्रेसी) को यह दायित्व 35 साल तक निभाना होता है। जनता सबसे ज्यादा आप पर भरोसा करती है। आपको इस बात का गर्व होना चाहिए।
गृहमंत्री अमित शाह ने सफलता का मूल मंत्र देते हुए कहा कि मन और आत्मा से बड़ा शिक्षक कोई नहीं होता। उन्होंने महात्मा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि मन से संवाद करें और आत्म विश्लेषण करते रहना चाहिए। शाह ने कहा कि इस तरह कार्यकर सरदार पटेल के अखिल भारत की कल्पना को पूर्ण किया जा सकता है|

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