24 जून,2019
सीनियर फोटोग्राफर एवं रिपोर्टर
नरेन्द्र कुमार
नई दिल्ली: "दिल्ली महिला आयोग" (DCW) ने दिल्ली में प्राइवेट प्लेसमेंट एजेंसी के नियमतिकरण के लिए कानून बनाने के मामले में दिल्ली सरकार के श्रम विभाग को नोटिस भेजा है। आयोग ने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली महिलाओं खासकर नाबालिग लड़कियों की तस्करी का गढ़ बन गयी है। और दिल्ली में चल रहीं अनियमित प्राइवेट प्लेसमेंट एजेंसी इसके पीछे एक बड़ा कारण हैं। दिल्ली महिला आयोग पिछले तीन सालों से इन मानव तस्करी पर रोक लगाने के लिए कड़े क़ानून बनाने और प्लेसमेंट एजेंसी के नियमतिकरण के लिए कह रहा है।
सितम्वर 2018 में दिल्ली सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा था। कि सरकार प्राइवेट प्लेसमेंट एजेंसी को नियमित करने के लिए एक बिल लाने जा रही है। और उसे जल्द ही दिल्ली विधान सभा में पेश किया जायेगा| मगर अभी तक विधानसभा में कोई बिल पेश नहीं किया गया है। आयोग ने इसे बहुत ही गंभीर मामला बताया और कहा कि कानून पास होने में देरी की वजह से लड़कियां इन प्लेसमेंट एजेंसी के चंगुल में फंस रही हैं।
दिल्ली महिला आयोग ने इस मामले में श्रम विभाग से जवाब माँगा है। आयोग ने बिल की वर्तमान स्थिति की जानकारी भी मांगी है। और पूछा है कि बिल को कब तक दिल्ली विधानसभा में पेश किया जायेगा। साथ ही आयोग ने राजधानी में प्लेसमेंट एजेंसी को नियमित करने के लिए सरकार द्वारा उठाये गए अन्य क़दमों के बारे में भी जानकारी मांगी है।
आयोग ने 1 जुलाई तक श्रम विभाग को अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।
सीनियर फोटोग्राफर एवं रिपोर्टर
नरेन्द्र कुमार
नई दिल्ली: "दिल्ली महिला आयोग" (DCW) ने दिल्ली में प्राइवेट प्लेसमेंट एजेंसी के नियमतिकरण के लिए कानून बनाने के मामले में दिल्ली सरकार के श्रम विभाग को नोटिस भेजा है। आयोग ने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली महिलाओं खासकर नाबालिग लड़कियों की तस्करी का गढ़ बन गयी है। और दिल्ली में चल रहीं अनियमित प्राइवेट प्लेसमेंट एजेंसी इसके पीछे एक बड़ा कारण हैं। दिल्ली महिला आयोग पिछले तीन सालों से इन मानव तस्करी पर रोक लगाने के लिए कड़े क़ानून बनाने और प्लेसमेंट एजेंसी के नियमतिकरण के लिए कह रहा है।
सितम्वर 2018 में दिल्ली सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा था। कि सरकार प्राइवेट प्लेसमेंट एजेंसी को नियमित करने के लिए एक बिल लाने जा रही है। और उसे जल्द ही दिल्ली विधान सभा में पेश किया जायेगा| मगर अभी तक विधानसभा में कोई बिल पेश नहीं किया गया है। आयोग ने इसे बहुत ही गंभीर मामला बताया और कहा कि कानून पास होने में देरी की वजह से लड़कियां इन प्लेसमेंट एजेंसी के चंगुल में फंस रही हैं।
दिल्ली महिला आयोग ने इस मामले में श्रम विभाग से जवाब माँगा है। आयोग ने बिल की वर्तमान स्थिति की जानकारी भी मांगी है। और पूछा है कि बिल को कब तक दिल्ली विधानसभा में पेश किया जायेगा। साथ ही आयोग ने राजधानी में प्लेसमेंट एजेंसी को नियमित करने के लिए सरकार द्वारा उठाये गए अन्य क़दमों के बारे में भी जानकारी मांगी है।
आयोग ने 1 जुलाई तक श्रम विभाग को अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।
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