Wednesday 19 June 2019

दिल्ली पुलिस के साथ ऐसा ही क्यों केवल राजनैतिक रोटियों के लिए इस तरह पुलिस फोर्स का मनोबल तोड़ना समाज व कानून के लिए एक बहुत बड़ा खतरा"

20 जून, 2019


नई दिल्ली: मित्रों यहां विचारणीय विषय है। कि एक हुड़दंगी मानसिकता वाले सर्वजीत सिंह नामक ड्राइवर और उसके लड़के ने ऑन ड्यूटी पुलिस पार्टी को सरेआम तलवार दिखाकर-लहरा कर फिर उस पर हमला करके जो कानून को ठेंगा दिखाया वह सीन किसी जंगलराज से कम नहीं लगता है। अब सिख समाज के कुछ तथाकथित कट्टरपंथी तत्व उसे हीरो बनाकर अपना खालिस्तानी एजेंडा चला रहे हैं।
भावुक सिख जनता भी बिना अंजाम जाने अपने इन तथाकथित नेताओं के चक्कर में आकर पुलिस अधिकारियों पर हमले और पुलिस संपत्ति को तोड़ रही हैं।


पहली बात। यह है।कि गुरु का कोई असली सिख इस तरह का व्यवहार नहीं करता है। वह तो कानून पसंद और अमन पसंद व्यक्ति होता है। इस सारे घटनाक्रम को देखने के बाद यही प्रतीत होता है। कि पुलिसकर्मियों ने तो केवल अपनी ड्यूटी का पालन किया है। इसमे केवल पुलिस की कमजोरी यही रही है कि वह एक मामूली से हुड़दंगी ड्राइवर को काबू नहीं कर पाई और उसके साथ बीच सड़क पर मल युद्ध करने लग गई। कायदे से पुलिस के जवानों को उसे पकड़कर थाने ले जाकर अपनी कार्रवाई करनी चाहिए थी। यहां तो पुलिस की ताकत की भी पोल खुल रही है। और उनकी ट्रेनिंग और पुलिसिया कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। कि इस तरह पुलिस के भरोसे हमारा नागरिक समाज कैसे सुरक्षित रह सकता है।

मेरा उद्देश्य इस मुद्दे को उठाने का यही है। की यह एक कानून-व्यवस्था का मामला है इसे किसी धर्म के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए। उस ड्राइवर का धर्म या जाति चाहे जो भी हो उसके कुकृत्य कि उसे सजा मिलनी चाहिए  उसने सरेआम जो तलवार लहरा कर और पुलिस अधिकारी पर हमला किया  उसके लड़के ने पुलिस पर अपनी गाड़ी चढ़ाई और उसके बाद जिन लोगों ने पुलिस अधिकारियों के साथ मारपीट की और  संपत्ति को नुकसान पहुंचाया उनके खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई करके एक मिसाल कायम की जानी चाहिए। इसके अलावा उन पुलिस कर्मचारियों के गैर पेशेवर रवैए के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए ना कि कोई अपराधिक कार्यवाही क्योंकि इससे पुलिस के मनोबल पर बहुत बुरा असर पड़ सकता है।


ऐसे तो कोई भी ऐरा गैरा नत्थू खैरा बदमाश या सड़क छाप  झंडू-लंडू पुलिस फोर्स के लिए सिरदर्द बन सकता है। यहाँ सिख समाज को भी अब शांति से काम लेना चाहिए वह भी इसके दूरगामी परिणामों पर विचार करें। क्योंकि पाकिस्तान में बैठे हुए ऐसे तथाकथित कट्टरपंथियों के आका इसमे फौरी तौर पर आग भड़काने का काम कर सकते हैं। "खुफिया एजेंसियों" को भी सावधान रहना चाहिए कि कहीं पाकिस्तानी आतंकी तत्व सर्वजीत सिंह की हत्या करवा कर देश में कोई बहुत बड़ा बवाल न पैदा कर दे।धन्यवाद।जय हिंद।


✍डॉ० जसवीर आर्य (चेयरमैन)
÷ क्राइम फ्री इंडिया ब्यूरो÷
÷ नेशनल मीडिया फोर्स ÷
÷ प्रधान संपादक,दिल्ली टाइम्स न्यूज़ ÷

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