29 नवम्बर 2018
नई दिल्ली:
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, ने कानून व्यवस्था की बैठक में पुलिस कार्य में तकनीक के उपयोग की समीक्षा की। इस बैठक में मुख्य सचिव, दिल्ली सरकार, प्रधान सचिव (गृह), दिल्ली सरकार, पुलिस आयुक्त, दिल्ली, विशेष एवं संयुक्त आयुक्त, दिल्ली पुलिस, आयुक्त (परिवहन), दिल्ली सरकार व सभी अधिकारी उपस्थित थे।
दिल्ली पुलिस ने विभिन्न तकनीकी परियोजनाओं के बारे में उपराज्यपाल, को बताया जैसे अपराधों की रोकथाम और जाँच के लिए महत्वपूर्ण ई-बीट बुक, शरीर पर लगाये जाने वाला कैमरा, ओपन सोर्स इंटेलीजेंस साल्यूशन, इंटेलीजेंस मेनेजमेंट ट्रैफिक सिस्टम, आटोमेटिक नम्बर प्लेट रीडिंग प्रोजेक्ट, चेहरे की पहचान, एडवांस फोरेंसिक इत्यादि। उपराज्यपाल महोदय ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए कि वह सभी परियोजनाओं की प्रगति की तिमाही आधार पर समीक्षा करें।
दिल्ली के उपराज्यपाल, को यह भी सूचित किया गया कि प्रशिक्षित कर्मचारियों और आवश्यक बुनियादी ढाँचे के साथ मोबाइल साइबर फोरेंसिक लैब्स जल्द ही मालवेयर फोरेंसिक, नेटवर्क फोरेंसिक, क्लाउड फोरेंसिक, क्रिप्टो करेंसी एनालाइटिक्स, साइबर रेंज जैसे विभिन्न सुविधा के साथ जल्द ही शुरू हो जाएगी। उपराज्यपाल महोदय को यह भी बताया गया कि दिल्ली पुलिस दिसम्बर, 2018 तक विभिन्न प्रकार के ऐप को एक सिंगल प्लेटफार्म पर लाएगी जो कि वन टच ऐप होगा। सेफ सिटी प्रोजेक्ट(निर्भया फंड) के तहत 10,हजार CCTV कैमरों को लगाये जाने का कार्य अंतिम चरण में है।
दिल्ली पुलिस ने चेहरे की पहचान की टेक्नोलाजी की बहु कार्यात्मक भूमिका के बारे में भी उपराज्यपाल, को बताया। उन्होंने यह भी बताया कि इस तकनीक के माध्यम से लापता बच्चों, दूरस्थ संदिग्ध सत्यापन, सुरक्षा संदिग्ध पहचान और भगोड़ों की ट्रैकिंग में मदद करेगा। और एडवांस फोरेंसिक जैसे कि मालवेयर फोरंसिक, क्रिप्टो करेंसी एनालाइटिक्स, क्लाउड फोरेंसिक और एडवांस मोबाइल फोरेंसिक के बारे में भी सूचित किया गया। और शरीर पर लगाये जाने वाले 800 कैमरे खरीदे जा चुके हैं और इन्हें क्रियान्वित किया जा रहा है।
उपराज्यपाल, ने दिल्ली पुलिस द्वारा आईआईआईटी, दिल्ली के साथ मिलकर सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी की स्थापना के कदम की बहुत सराहना की।
सीनियर फोटोग्राफर
नरेन्द्र कुमार
नई दिल्ली:
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, ने कानून व्यवस्था की बैठक में पुलिस कार्य में तकनीक के उपयोग की समीक्षा की। इस बैठक में मुख्य सचिव, दिल्ली सरकार, प्रधान सचिव (गृह), दिल्ली सरकार, पुलिस आयुक्त, दिल्ली, विशेष एवं संयुक्त आयुक्त, दिल्ली पुलिस, आयुक्त (परिवहन), दिल्ली सरकार व सभी अधिकारी उपस्थित थे।
दिल्ली पुलिस ने विभिन्न तकनीकी परियोजनाओं के बारे में उपराज्यपाल, को बताया जैसे अपराधों की रोकथाम और जाँच के लिए महत्वपूर्ण ई-बीट बुक, शरीर पर लगाये जाने वाला कैमरा, ओपन सोर्स इंटेलीजेंस साल्यूशन, इंटेलीजेंस मेनेजमेंट ट्रैफिक सिस्टम, आटोमेटिक नम्बर प्लेट रीडिंग प्रोजेक्ट, चेहरे की पहचान, एडवांस फोरेंसिक इत्यादि। उपराज्यपाल महोदय ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए कि वह सभी परियोजनाओं की प्रगति की तिमाही आधार पर समीक्षा करें।
दिल्ली के उपराज्यपाल, को यह भी सूचित किया गया कि प्रशिक्षित कर्मचारियों और आवश्यक बुनियादी ढाँचे के साथ मोबाइल साइबर फोरेंसिक लैब्स जल्द ही मालवेयर फोरेंसिक, नेटवर्क फोरेंसिक, क्लाउड फोरेंसिक, क्रिप्टो करेंसी एनालाइटिक्स, साइबर रेंज जैसे विभिन्न सुविधा के साथ जल्द ही शुरू हो जाएगी। उपराज्यपाल महोदय को यह भी बताया गया कि दिल्ली पुलिस दिसम्बर, 2018 तक विभिन्न प्रकार के ऐप को एक सिंगल प्लेटफार्म पर लाएगी जो कि वन टच ऐप होगा। सेफ सिटी प्रोजेक्ट(निर्भया फंड) के तहत 10,हजार CCTV कैमरों को लगाये जाने का कार्य अंतिम चरण में है।
दिल्ली पुलिस ने चेहरे की पहचान की टेक्नोलाजी की बहु कार्यात्मक भूमिका के बारे में भी उपराज्यपाल, को बताया। उन्होंने यह भी बताया कि इस तकनीक के माध्यम से लापता बच्चों, दूरस्थ संदिग्ध सत्यापन, सुरक्षा संदिग्ध पहचान और भगोड़ों की ट्रैकिंग में मदद करेगा। और एडवांस फोरेंसिक जैसे कि मालवेयर फोरंसिक, क्रिप्टो करेंसी एनालाइटिक्स, क्लाउड फोरेंसिक और एडवांस मोबाइल फोरेंसिक के बारे में भी सूचित किया गया। और शरीर पर लगाये जाने वाले 800 कैमरे खरीदे जा चुके हैं और इन्हें क्रियान्वित किया जा रहा है।
उपराज्यपाल, ने दिल्ली पुलिस द्वारा आईआईआईटी, दिल्ली के साथ मिलकर सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी की स्थापना के कदम की बहुत सराहना की।
सीनियर फोटोग्राफर
नरेन्द्र कुमार