19 दिसंबर 2018
सीनियर फोटोग्राफर
नरेन्द्र कुमार,
नई दिल्ली: 17 दिसंबर 2018 को दिल्ली के इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर कॉन्फ्रेंस हॉल में शौर्य दिन पुरस्कार वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसी दिन श्री छत्रपति शिवाजी महाराज को मुगल के कैद से सही सलामत वापस आने पर इस दिन को शौर्य दिन के नाम से मनाया जाता है।
शिवाजी महाराज का नाम इतिहास के सुनहरे पन्ने पर गुंदवाया गया है। और इसी शुभ दिन को श्री छत्रपति शिवाजी महाराज मेमोरियल नेशनल कमिटी दिल्ली द्वारा यह संस्था कार्यक्रम आयोजित करके मनाती है। इसी दिन के शुभ अवसर पर छत्रपति के विचारों को जनता में प्रसार प्रचार करने वाले विभिन्न क्षेत्र में काम करने वालों को यह शौर्य दिन पुरस्कार दिया गया। और कवि सम्मेलन आयोजित किया गया।
शिव छत्रपति शिवाजी महाराज एक राजा होकर भी राजशाही को उन्होंने नाकारा था। और लोगों के बारे में उनका दुख, दर्द जानने वाला शेतकरी कष्ट करने वाले लोग महिला और सामान्य जनता को न्याय देने के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। उनका साथ छत्रपति शिवाजी महाराज ने कभी नहीं छोड़ा इसलिए जनता उन्हें भगवान मानती थी।उनकी पूजा-अर्चना करते थे। और आज भी पूरे विश्व में छत्रपति शिवाजी महाराज को एक उंचा दर्जा दिया जाता है।
सब धर्मों को इकट्ठा करने वाले ऐसे एकमेंव राजा कुलभूषण छत्रपति शिवाजी महाराज इन का नाम इतिहास के सुनहरे पन्नों पर भी लिखा गया है। और इन्हीं के विचारों को जनता के सामने जन जन तक फैलाने में जिन लोगों ने प्रयास किया है। ऐसे लोगों को श्री छत्रपति शिवाजी महाराज मेमोरियल नेशनल कमिटी नई दिल्ली द्वारा शौर्य दिन पुरस्कार दिया गया और श्री छत्रपति शिवाजी महाराज इन के विचारों पर काव्य संध्या का आयोजन दिल्ली के इस्लामिक कल्चरल सेंटर में किया गया।
सीनियर फोटोग्राफर
नरेन्द्र कुमार,
नई दिल्ली: 17 दिसंबर 2018 को दिल्ली के इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर कॉन्फ्रेंस हॉल में शौर्य दिन पुरस्कार वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसी दिन श्री छत्रपति शिवाजी महाराज को मुगल के कैद से सही सलामत वापस आने पर इस दिन को शौर्य दिन के नाम से मनाया जाता है।
शिवाजी महाराज का नाम इतिहास के सुनहरे पन्ने पर गुंदवाया गया है। और इसी शुभ दिन को श्री छत्रपति शिवाजी महाराज मेमोरियल नेशनल कमिटी दिल्ली द्वारा यह संस्था कार्यक्रम आयोजित करके मनाती है। इसी दिन के शुभ अवसर पर छत्रपति के विचारों को जनता में प्रसार प्रचार करने वाले विभिन्न क्षेत्र में काम करने वालों को यह शौर्य दिन पुरस्कार दिया गया। और कवि सम्मेलन आयोजित किया गया।
शिव छत्रपति शिवाजी महाराज एक राजा होकर भी राजशाही को उन्होंने नाकारा था। और लोगों के बारे में उनका दुख, दर्द जानने वाला शेतकरी कष्ट करने वाले लोग महिला और सामान्य जनता को न्याय देने के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। उनका साथ छत्रपति शिवाजी महाराज ने कभी नहीं छोड़ा इसलिए जनता उन्हें भगवान मानती थी।उनकी पूजा-अर्चना करते थे। और आज भी पूरे विश्व में छत्रपति शिवाजी महाराज को एक उंचा दर्जा दिया जाता है।
सब धर्मों को इकट्ठा करने वाले ऐसे एकमेंव राजा कुलभूषण छत्रपति शिवाजी महाराज इन का नाम इतिहास के सुनहरे पन्नों पर भी लिखा गया है। और इन्हीं के विचारों को जनता के सामने जन जन तक फैलाने में जिन लोगों ने प्रयास किया है। ऐसे लोगों को श्री छत्रपति शिवाजी महाराज मेमोरियल नेशनल कमिटी नई दिल्ली द्वारा शौर्य दिन पुरस्कार दिया गया और श्री छत्रपति शिवाजी महाराज इन के विचारों पर काव्य संध्या का आयोजन दिल्ली के इस्लामिक कल्चरल सेंटर में किया गया।
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