Sunday 11 March 2018

FCI हेंडलिंग वर्कर्स यूनियन का 16 वां सालाना अधिवेशन,

11/3/2018
नई दिल्ली:-

नई दिल्ली-फ़ूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया हैंडलिंग वर्कर्स यूनियन का 16 वां वार्षिक अधिवेशन नई दिल्ली में आयोजित किया गया।इस अवसर पर यूनियन के महामंत्री लक्ष्मण सिंह ने कहा कि यूनियन विभिन्न राज्यों की खादय एजेंसियों, जैसे दिल्ली स्टेट सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन लिमिटेड, स्टेट वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन, पनसप, हैफेड, कनफेड, मार्कफेड, एग्रो, नैफेड, एस एम आई में कार्यरत श्रमिकों को समाजिक और आर्धिक न्याय दिलाना सुनिश्चित करने के लिए संघर्षरत है।श्रमिकों का शोषण रोकने के लिए यूनियन द्वारा ठेका श्रम (उन्मूलन और विनियमन अधिनियम 1970  EPF और मिसलेनियम प्रोविजन एक्ट 1952, श्रमिक मुआवजा कानून 1921 और न्यूनतम मजदूरी कानून 1948 आदि कानून को लागू कराने के लिए भी यूनियन कोशिश कर रही हैं।


फ़ूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया हैंडलिंग वर्कर्स यूनियन के महामंत्री लक्ष्मण सिंह ने बताया कि श्रम कानूनों के तहत विभिन्न राज्यों, महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, में भारतीय खादय निगम में ठेकेदारी प्रथा को समाप्त कर श्रमिकों का विभागियकरण करने का प्रयास किया जा रहा है।कुछ राज्यों जैसे महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, और तमिलनाडु में ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर सीधे भुगतान प्रणाली से भुगतान किया जा रहा है।वहीं अन्य राज्यों, जैसे दिल्ली, पंजाब, हरियाणा प्रदेश, में फ़ूड एजेंसियों से ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करने के लिए वार्ता चल रही हैं।


यूनियन के 16 वे वार्षिक अधिवेशन में निम्नलिखित संकल्प पारित किए गए।

1- ठेका श्रम की समाप्ति

ठेका श्रम(विनियमन और उन्मूलन अधिनियम) 1970 के प्रावधान के तहत जिन डिपो पर नियमित रूप से काम चल रहा है, वहां ठेकेदारी प्रथा को खत्म किया जाए।ठेका प्रथा की समाप्ति पर विचार करने के लिए G.C.असनानी समिति और ईश्वर प्रसाद कमेटी गठित की गई थी।कमेटी ने कहा था जिन डिपो पर 240 दिन या उससे अधिक काम उपलब्ध हो, वहां ठेका प्रथा समाप्त की जाये, लेकिन देखा गया है।कि 240 दिन या उससे अधिक काम उपलब्ध होने पर ठेका प्रथा बदस्तूर चल रही हैं।

2- ठेकारत श्रमिकों को विभागीय श्रमिकों के समान ही वेतन और अन्य भत्ते उपलब्ध कराए जाएं।ठेका श्रम (विनियमन और उन्मूलन अधिनियम) 1970 में कहा गया है।कि ठेकेदार को न्यूनतम वेतन अधिनियम के तहत श्रमिकों को न्यूनतम वेतन का भुगतान करना जरूरी है।नियम 225 के उपनियम 2 (5) में कहा गया है।कि अगर ठेकारत श्रमिक विभागीय श्रमिक के अनुसार ही काम करता है।तो वह भी विभागीय श्रमिक के सामान ही समान वेतन पाने का अधिकार है।

3- समान काम के लिए समान वेतन
देखा गया है कि खादय निगम एक ही तरह का काम विभिन्न श्रेणियों में कार्यरत श्रमिकों से ले रहा है, किंतु वेतन और सुविधाओं में काफी अंतर है।भेदभाव की नीति को छोड़कर समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाए।

4- श्रमिकों की कार्यक्षमता के अनुसार काम उपलब्ध हो
भारतीय खादय निगम अपने विभागीय और  ( DPS) डिपो और (NWNP)संबंधित प्रांगण प्राइवेट पार्टी को किराए पर दे रही है।वही अन्य फ़ूड एजेंसिया (प्राइवेट पार्टी, CWC और SWC और  PEG)के गोदामों को भाड़े पर लेकर ठेकेदारों से काम करवा रही हैं।इस पर रोक लगाई जाए और श्रमिकों की कार्यक्षमता के अनुसार उनसे काम कराया जाए।

5- FCI हैंडलिंग वर्क्स यूनियन मांग करती है।कि निगम के बन्द डिपो और रेल साइडिंग को फिर खोला जाए और बेकार पड़े श्रमिकों को भी से काम पर लगाया जाये।रेल साइडिंग और रेस हैड पर समयानुसार रैक लगाई जाये।


6- यूनियन का कहना है कि श्रमिकों को मिल रही सुविधाओं में कटौती ना की जाये और पहले से मिल रही सुविधाओं को फिर से लागू किया जाए।

7- यूनियन का कहना है कि लबिंत पड़े उद्योगिक विवाद और याचिकाओं को जल्द से जल्द निपटाया जाए।

8- FCI हैडलिंग वर्कर्स यूनियन यह मांग करता है।कि खादय निगम की खाली पड़ी जमीन पर निगम के गोदामों का ही निर्माण कराया जाए।

9- निगम में कार्यरत श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किया जाए।इसे सुनिश्चित करने के लिए उन्हें चेक से पेमेंट की जाए।श्रमिकों और उनके आश्रितो को  ESI के तहत मेडिकल सुविधा दिलाई जाए।न्यूनतम मजदूरी का 50 फीसदी हाजिरी भत्ता दिया जाए।

10- नोटिफाइड डिपो में जहां नो वर्क, नो पे सिस्टम लागू किया गया है, उसका पहले की तरह विभागियकरण किया जाये क्योंकि निगम में श्रमिकों की काफी कमी है।

11- पुलिंग  या   ट्रांसफर   पर रोक   लगाई   गई।


12- विभागीय श्रमिकों से निगम की और से की जा रही रिकवरी पर रोक लगाई जा।

सीनियर फोटोग्राफर एवं रिपोर्टर
नरेन्द्र कुमार

No comments:

Post a Comment

थाना साउथ रोहिणी के स्टाफ ने चोरी की स्कूटी और चाकू सहित अपराधी को धर दबोचा।

07 अगस्त 2022 नरेन्द्र कुमार नई दिल्ली:15 अगस्त को ध्यान में रखते हुए दक्षिण रोहिणी क्षेत्र में सड़क अपराध को रोकने के लिए, एसीपी अर्जुन सिं...