26,मार्च 2018
नई दिल्ली:-
राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिनांक 26/03/2018 को जयसिंह रोड, नई दिल्ली स्थित NDMC कंवेंशन सेंटर में प्रकाशकों के साथ राजभाषा हिंदी के टंकण/मुद्रण संबंधी तकनीकी समस्याओं पर विचार-विमर्श किया गया।
इस चर्चा का मुख्य उद्देश्य प्रकाशकों के द्वारा हिंदी फांट / हिंदी सॉफ्टवेयर संबंधी समस्याओं का निराकरण करना था जिसे गूगल/माइक्रोसाफ्ट तथा सी-डेक आदि संस्थाओं के सहयोग से किया जाएगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजभाषा विभाग के सचिव श्री प्रभास कुमार झा द्वारा की गई तथा संयुक्त सचिव (रा.भा.) डॉ. बिपिन बिहारी सहित केंद्र सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में बोलते हुए सचिव (रा.भा.) ने कहा कि आज अंग्रेजी की तुलना में हिंदी का कंटेंट बहुत कम है जिसका प्रमुख कारण विभिन्न हिंदी के साफ्टवेयरों की आपसी तालमेल में कमी है। जिसपर हम सबको मिलकर काम करना होगा। एक फांट से दूसरे फांट में कंवर्जन करते समय भाषा का स्वरूप बिगड जाता है। इसलिए समय की मांग है कि एक ऐसा कंवर्जर तैयार किया जाए जो विभिन्न फांटों को एक दूसरे में परिवर्तित करने में सहायक हो सके।
इस मौके पर बोलते हुए वाणी प्रकाशन के अरुण महेश्वरी का कहना था कि जब तकनीकी के साथ हिंदी में कार्य करने की बात आती है तो सबसे बडी समस्या पेजमेकर जैसे साफ्टवेयर के साथ यूनीकोड फांट का समर्थन न होना है। जिसके कारण यूनीकोड में प्राप्त प्रिटिंग मैटीरियल को पुन: टाइप करना पडता है। इसके अतिरिक्त श्री महेश्वरी का कहना था कि प्रकाशकों को यूनीकोड आदि की पर्याप्त जानकारी न होना भी एक बडी समस्या है। जिसपर सरकार की ओर से पहल करते हुए प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
कार्यक्रम में माइक्रोसाफ्ट के निदेशक श्री बालेंदु ने यूनीकोड की वर्तमान समय में उपयोगिता तथा साथर्कता पर विस्तार से प्रकाश डाला। श्री बालेंदु ने बताया कि यूनीकोड में बहुत सी विशेषताएं हैं, जिनके बारे में लोगों को जागरुक करने की आवश्यकता है। इससे पूर्व कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए राजभाषा विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. बिपिन बिहारी ने कहा कि राजभाषा विभाग इस तरह का आयोजन पहली बार कर रहा है। जिसमें प्रकाशकों से सीधे संवाद कर राजभाषा कार्यान्वयन संबंधी आने वाली समस्याओं पर चर्चा की जा रही है।
इस आयोजन से न सिर्फ राजभाषा संबंधी कार्यों को गति मिलेगी बल्कि हिंदी का बाजार भी सशक्त होगा। उनका कहना था कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य पाठकों तक भरपूर मात्रा में हिंदी कंटेंट उपलब्ध कराना है। कार्यक्रम में केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक नंद किशोर पाण्डेय ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी, विभिन्न साहित्य अकादमी, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, केंद्रीय शब्दावली आयोग आदि के अधिकारियों के साथ-साथ बडी संख्या में प्रकाशक मौजूद रहे।
नई दिल्ली स्थित NDMC कंवेंशन सेंटर में प्रकाशकों के साथ आयोजित बैठक में गृह मंत्रालय राजभाषा विभाग द्वारा प्रकाशित होने वाली पत्रिका राजभाषा भारती के 153 वें अंक का विमोचन किया गया।
विदित हो कि गृह मंत्रालय राजभाषा विभाग द्वारा विगत 40 वर्षों से राजभाषा भारती का प्रकाशन किया जा रहा है। तथा राजभाषा के प्रचार-प्रसार की दिशा में महत्वपूर्ण यह पत्रिका केंद्र सरकार के कार्यालयों को निशुल्क प्रेषित की जाती है।
सीनियर फोटोग्राफर एवं रिपोर्टर
नरेन्द्र कुमार
No comments:
Post a Comment