Wednesday 3 April 2019

DCW "दिल्ली महिला आयोग" ने फॉरेंसिक रिपोर्ट में देरी को लेकर फोरेंसिक साइंस लैब को नोटिस जारी किया*

3 अप्रैल 2019

सीनियर फोटोग्राफर
नरेन्द्र कुमार

नई दिल्ली: राजधानी में यौन अपराधों के मामलों खासकर कि छोटे बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के मामलों अदालतों में सजा होने की कम दर को संज्ञान में लेते हुए दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली की फोरेंसिक साइंस लैब को नोटिस जारी किया है और लंबित मामलों की जानकारी और इनके कारणों के बारे में पूछा है| 

दिल्ली में बड़ी संख्या में महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ अपराधों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं| इसकी मुख्य वजह इन मामलों में सजा होने की कम दर है| दिल्ली विधिक सेवाएँ प्राधिकरण की रिपोर्ट का हवाला देते हुए दिल्ली महिला आयोग ने कहा कि पोक्सो के मामलों में सजा होने की दर दिल्ली में बहुत कम है- 2014 में 16.33%, 2015 में 19.65% और जुलाई 2016 तक केवल 18.49% मामलों में सजा हुई थी| आयोग के मुताबिक ज्यादा लंबित मामले होने की वजह फॉरेंसिक रिपोर्ट का देर से आना और कुछ नमूनों की रिपोर्टों का बिना किसी निष्कर्ष के आना है|


कुछ महीने पहले आयोग ने रोहिणी स्थित फॉरेंसिक लैब का दौरा किया था और समस्याओं को सुलझाने के लिए कुछ परामर्श दिए थे, खासकर कि लंबित मामलों की समस्या जो कि काफी गंभीर समस्या थी| इस मामले में अब तक एफएसएल द्वारा की गयी कार्यवाही कोई भी रिपोर्ट आयोग को नहीं सौंपी गयी है| नोटिस द्वारा आयोग ने जनवरी 2017 से अब हर महीने के लंबित मामलों की जानकारी मांगी है।

आयोग ने यह भी पूछा है कि एफएसएल ने जनवरी 2017 से अब तक दूसरी लैब को कितने मामले भेजे हैं और उनमे से कितने मामलों में रिपोर्ट प्रतीक्षारत है। इसके अलावा आयोग ने एफएसएल से वहां पर पदों (नियमित एवं संविदा) की जानकारी मांगी है और पूछा है कि जनवरी 2017 से अब तक कितने पदों पर भर्ती हुई और कितने खाली हैं। लंबित मामलों के बारे में समझने के लिए आयोग ने वर्गवार मामलों की जानकारी मांगी है, वर्तमान में फॉरेंसिक सैम्पल की प्रोसेसिंग अवधि और जनवरी 2017 से अब तक तैयार की गयी रिपोर्टों की जानकारी मांगी है और पूछा है कि इनमे से कितनी रिपोर्टों में निष्कर्ष नहीं निकला और उसकी क्या वजहें थीं।

"दिल्ली महिला आयोग" की अध्यक्षा स्वाती मालीवाल ने कहा, “जांच रिपोर्ट में देरी की वजह से अपराधिक मामले अदालतों में रुक जाते हैं, इस वजह से पीड़िताओं को मानसिक पीड़ा होती है| आयोग यह पूरी कोशिश करेगा कि यौन अपराधों की पीड़िताओं को जल्द से जल्द न्याय मिले और इसके लिए एफएसएल में लंबित मामलों को ख़त्म करना बहुत जरूरी है| हमने एफएसएल से रोहिणी, शेख सराय, सयुरपुर, बिंदापुर और राजघाट पर बन रहे नए पांच नए एफएसएल लैब के निर्माण की वर्तमान स्थिति की जानकारी और निर्माण में सामने आ रही समस्याओं की जानकारी मांगी है|”

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