28, मई 2018
नई दिल्ली:-
दिल्ली महिला आयोग ने पुलिस की मदद से एक घर से एक बच्ची को छुड़ाया। स्वयंसेवी संस्था ('शक्ति वाहिनी') ने दिल्ली महिला आयोग को सूचना दी थी कि दिल्ली में एक नाबालिग बच्ची से जबरन घरेलू काम कराया जा रहा है। वह बच्ची दो साल से झारखंड से लापता थी। झारखंड में इस संबंध में प्राथमिकी पहले से दर्ज है। परिजनों के अनुसार उनकी बच्ची की उम्र 15 साल है। दो साल से लापता बच्ची को राजौरी गार्डन के एक घर में रखकर जबरन घरेलू काम करवाया जा रहा था।
दिल्ली महिला आयोग ने पुलिस के साथ जाकर उस घर से नाबालिग बच्ची को बरामद किया गया। बच्ची को एक प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा उस घर में काम पर रखा गया था।
बच्ची ने बताया कि वह उस घर में पिछले दो साल से काम कर रही थी। उसकी आंटी ने उसे वहां रखवाया था। उसके भाई को इसके लिए 10,हजार रुपये मिले थे। बच्ची के अनुसार उसे कभी कोई पैसे नहीं मिले। उसे मोहन नगर के एक अन्य घर में भी काम करने को विवश किया गया था। उसका पैतृक गांव झारखंड के गुमला जिले में है।
उस बच्ची से काम कराने वाले गृहस्वामी के अनुसार प्लेसमेंट एजेंसी ने दो साल के लिए कुल एक लाख रुपये लेकर उस बच्ची को काम पर रखवाया था। हालाँकि इस संबंध में वह कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए।
यह मामला स्थानीय पुलिस में दर्ज कराकर बच्ची को बाल कल्याण समिति के पास भेज दिया गया। बाल कल्याण समिति ने बच्ची को शेल्टर होम में रखने तथा उसकी उम्र की जांच करने का निर्देश दिया है। CWC ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भी निर्देश दिया है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल जयहिंद, ने कहा "इस मामले की प्राथमिकी में बंधुआ मजदूरी अधिनियम तथा ITPA एक्ट के तहत धाराएं दर्ज करते हुए। कठोर कार्रवाई की जाए। झारखंड के अभावग्रस्त इलाकों से लगातार बच्चियों को दिल्ली लाकर जबरन काम कराया जा रहा है। चाइल्ड ट्रैफिकिंग से जुड़ी हुई ऐसी प्लेसमेंट एजेंसियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि ऐसे अपराधों को समाप्त किया जा सके।
सीनियर फोटोग्राफर एवं रिपोर्टर
नरेन्द्र कुमार
No comments:
Post a Comment