Monday 9 November 2020

मोदी का दोस्त डोनाल्ड ट्रंप चुनाव हारा भारत में भी मोदी सरकार के लिए खतरे की घंटी।

9 नवंबर 2020


नई दिल्ली: अपने बड़पोलेपन के लिए मशहूर ट्रंप की नीतियों और कार्य पद्धति को लेकर अमेरिका में भारी आक्रोश था ट्रंप ने अपने शासनकाल में सबसे पहले अपना  विरोधी मीडिया को बनाया जिस कारण मीडिया ने पूरे अमेरिका में ट्रंप के खिलाफ अभियान छेड़ा जिसका खामियाजा डोनाल्ड ट्रंप को अपनी हार के रूप में भुगतना पड़ा।
            ( ✍️वरिष्ट पत्रकार डॉ०जसवीर आर्य,)

भारत में भी मोदी सरकार के खिलाफ नाराजगी बढ़ती जा रही है। अब मोदी सरकार को भी ट्रंप की हार से सावधान हो जाना चाहिए। बेशक! नरेद्र मोदी देश की मजबूती व प्रगति के लिए अच्छा कार्य कर रहे हैं परंतु जनता में उनका संदेश बहुत गलत जा रहा है।

मेरी नजरों में इसका सबसे प्रमुख कारण जनता से जुड़ी हुई किसी योजना को जनता के हिसाब से ना बनाना और न ही जनता से कोई फीडबैक लेकर केवल उसका व्यापारी करण कर उसे  प्रचारित ज्यादा कर दिया जाता है।

इसके अलावा विभिन्न मंत्रालय के काम- काज की रफ्तार बहुत सुस्त होना है। दुर्भाग्यपूर्ण पिछली सरकार की तरह PMO सहित विभिन्न मंत्रालयों में बैठे हुए सरकारी अधिकारी जनता तक मोदी सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों के बारे में सही जानकारीयां नहीं पहुंचा पा रहे हैं जिसकी बड़ी वजह इनके सरकारी अफसरों का मीडिया कर्मियों से उचित तालमेल ना होना है क्योंकि यह लोग कथित बड़े चैनलों और बड़े अखबारों के अलावा किसी को पत्रकार ही नहीं समझते जबकि यह भूल जाते हैं कि पत्रकार असली वही है जिसकी जनता में पैठ हो।

वातानुकूलित कमरों में बैठ कर कागजों पर काम करने वाले यह अधिकारी आम मीडिया बंधुओं के साथ निरंकुशता का व्यवहार करते हैं जिस कारण मीडिया कर्मी में भी आक्रोश रहता है।

अतः समय रहते मोदी सरकार को अपने प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों तथा विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारियों के व्यवहार और कार्यशैली की भी समीक्षा करनी चाहिए तथा यह पता लगाना चाहिए कि जनता पर उनका क्यों गलत प्रभाव पड़ रहा है और जनता से जुड़े मीडिया कर्मियों को विश्वास में लेकर आम लोगों तक अपनी गतिविधियों का प्रसार करना चाहिए खासतौर पर विविध मंत्रालयों के मीडिया अधिकारियों तथा सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत पीआईबी के अधिकारियों के कामो की निगरानी की जानी चाहिए क्योंकि इनके अफसरशाही रवैए के कारण मोदी सरकार की छवि प्रभावित हो रही है।

देश की सत्ता पर बैठे हुक्मरानों को साफ तौर से समझ लेना चाहिए कि सरकार और जनता के बीच की सबसे महत्वपूर्ण और प्रासंगिक कड़ी मीडिया को ही माना जाता है मोदी सरकार को अपने भोपू मीडिया से शीघ्र अति निजात पा लेनी चाहिए क्योंकि जनता में इनके कारण मोदी की नकारात्मक छवि बन रही है और जनता को ऐसा लगता है कि यह भोपू मीडिया पैसे लेकर मोदी का स्टूडियो गान कर रहे हैं?

साथ ही मोदी के सलाहकारों और थिंक टैंकरों को स्वतंत्र व निष्पक्ष पत्रकारों से बिना देरी किए अपना व्यवहारिक रिश्ता कायम कर अपनी सरकार की उपलब्धियों को जनता तक जमीनी स्तर पर पहुंचाने की दिशा में जोरदार कार्य करना चाहिए वरना बहुत देर हो चुकी होगी।

अभी मोदी के पास पर्याप्त समय है इसीलिए मोदी को अभी से ही जाग जाना चाहिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिना समय गवाएं अपनी सरकार के कामों की निष्पक्ष समीक्षा करनी चाहिए वर्ना भारत में मोदी को भी ट्रंप जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
 *निवेदक* 

 *डॉ जसवीर आर्य,*
*(वरिष्ठ पत्रकार एवं समाज सेवक)*

*प्रधान संपादक,दिल्ली टाइम्स न्यूज़।*
 *चेयरमैन,नेशनल मीडिया फोर्स।*
*चेयरमैन,क्राइम फ्री इंडिया ब्यूरो।*

*वेबसाइट:* *www.delhitimesnews.com*
*www.nationalmediaforceindia.com* *www.crimefreeindiabureau.com*
📱 *9212412283,  9650380366*

2 comments:

  1. सोशल मीडिया हो या TV channel media जो सरकार और जनता के बीच सेतु बनकर काम कर रहे है सभी एक समान समझे । सोशल मीडिया और TV channel मीडिया कर्मी को एक समान अधिकार देना चाहिए। जिससे सरकार की सभी गतिविधियों की जानकारी जनता तक पंहुच सके ।

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  2. Can't read and write Hindi sir Ji.. Only can speak sir Ji. Namaskar sir Ji.

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