Monday 28 January 2019

मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेज बिल्डर असोसिएशन ऑफ इंडिया (एमईएस-बीएआई) ने लगभग दो हज़ार करोड़ के बकाया पेमेंट का मुद्दा उठाया है।

29 जनवरी 2019

सीनियर फोटोग्राफर
नरेन्द्र कुमार


नई दिल्ली: "एमईएस-बीएआई" के अध्यक्ष परवीन महाना,और मानद महासचिव बलबीर सिंह विज,ने 28 जनवरी 2019 दिन सोमवार को हुई। दिल्ली में प्रेस कॉंफ्रेंस में बताया कि लगभग 1 साल से बकाया भुगतान का मुद्दा बहुत गहरा गया है। 1600 करोंड़ की देनदारियों के लिए रक्षा मंत्रालय की ओर से केवल 250 करोड़ का फंड रिलीज़ किया गया, लेकिन इसके साथ यह शर्त लगा दी गई कि सोलर प्रोजेक्ट और पुणे में बन रहे आर्मी अस्पताल की पेमेंट पहले कर दी जाए। इस पेमेंट को करने के बाद 250 करोड़ में 175 करोड़ खर्च हो गए और इसके बाद सरकार ने 430 करोड़ का फंड देने का वादा किया लेकिन वह फंड बाद में एचएल को कन्वर्ट कर दिया गया और ठेकेदार एक बार फिर खाली हाथ रह गए और एमईएस बीएआई के कॉंन्ट्रैक्टर्स के हाथ कुछ नहीं लगा। मौजूदा समय में सशस्त्र सेनाओं के लिए सिविल कंस्ट्रक्शन वर्क करने वाले ठेकेदारों के हिस्से कुछ नहीं आया। इससे आज की तारीख में केंद्र सरकार पर रक्षा परियोजनाओं के लिए ठेकेदारों की बकाया राशि 1600 करोड़ से बढ़कर लगभग 2000 करोड़ तक पहुंच गई है।

एमईएस बिल्डर असोसिएशन ऑफ इंडिया ने सशस्त्र सेनाओं के इंजीनियर इन चीफ, केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और पीएमओ को पत्र लिख कर यह बताया है कि हमें पिछले कुछ दिनो से सेना की तीनों विंग के लिए सिविल कंस्ट्रक्शन वर्क का पेमेंट नही मिला है।

महाना ने बताया कि एमईएस बीएआई के सदस्य सशस्त्र सेना की सभी तीन विंग, जल सेना, थल सेना और वायू सेना की मूल आधारभूत ज़रूरतों की पूर्ति करती है। यह इन परियोजनाओं के संचालन या रखरखाव का भी जिम्मा संभालते हैं। यह सिर्फ सशस्त्र संनाओं के लिए इमारतों का ही निर्माण नहीं करती, बल्कि उनके लिए रन वे भी बनाती है। पेमेंट न मिलने से प्रमुख रक्षा परियोजनाओं में बाधा आ रही है और वह किसी भी समय बंद हो सकते हैं। हम उन्हे बंद नहीं करेंगे लेकिन पैसे की कमी के कारण वह अपने आप बंद हो जाएंगे।

एमईएस बीएआई के बलबीर सिंह बिज ने कहा कि पिछले जुलाई महीने से हमारे किसी भी कॉन्ट्रैक्टर की पेमेंट नहीं हुई है। 35-36 सालों में यह सबसे बदतर स्थिति है। नेवी का हाल थोड़ा ठीक हैलेकिन वायुसेना और थलसेना की स्थिति सबसे ज्यादा बदतर है। 6 महीनो से पहले हमारे किसी कॉंन्ट्रैक्टर को पेमेंट नहीं मिल पाई है। हमने रक्षा राज्य मंत्री, रक्षा मंत्री, केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को भी इस स्थिति की जानकारी दी, लेकिन कॉन्ट्रैक्टर्स का भुगतान क्यों नहीं हो पा रहा है, यह बात हमें अभी तक समझ नहीं आ रही है। अभी पिछले सेशन में विपक्ष ने एचएल को पेमेंट न मिलने पर हो हल्ला मचाया था जिसके बाद एचईएल को पेमेंट मिल गई, लेकिन हमारे भुगतान का मामला अभी तक अटका हुआ है। आज हमारी हालत ऐसी हो गई है कि हम काम बंद करें न करें, लेकिन काम अपने आप बंद हो जाएगा इसलिए सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।

एमईएस बीएआई के अध्यक्ष महाना ने कहा कि किसानों के कर्ज सरकार माफ कर देती है, इंडस्ट्रीज को बेलआउट पैकेज दे देती है क्योंकी वह सरकार के चहेते हैं, लेकिन हमारे साथ कौन खड़ा होगा। हमारी हालत दिन पर दिन बिगड़ती जा रही है। अब यही हो सकता है कि हम में से कोई आत्महत्या करे। भारत एक महाशक्ति बन रहा है लेकिन अगर वह महाशक्ति अपनी ही सशत्र सेनाओं के लिए काम करने वाले ठेकेदारों को पेमेंट नहीं दे सकती तो कहीं न कहीं सिस्टम में गड़बड़ी है। सरकार इस ओर तुरंत ध्यान दे और जो बकाया अंदाजन 2000 करोड़ है, तुरंत एकमुश्त अदा करे।

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