24 जुलाई 2021
नरेन्द्र कुमार,
नई दिल्ली: गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर कालकापीठ प्रांगण में भव्य उत्सव का आयोजन किया गया।महंत श्री सुरेन्द्रनाथ अवधूत जी महाराज ने सर्वप्रथम अपने गुरुजी को स्मरण कर उनका पूजन किया। इसके उपरांत गुरुदेव ने अपने शिष्यों के बीच रहकर कहा,कि गुरु शिष्य की परंपरा प्राचीन समय से प्रारंभ है।
वैसे तो गुरु शिष्य प्रतिदिन एक दूसरे के प्रति समर्पण भाव रखते हैं, लेकिन सच्चा शिष्य वही है,जो गुरु के प्रत्येक आदेश का पालन कर सुखमय जीवन और राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाए।
श्री अवधूत ने कहा, कि वैश्विक महामारी कोरोना में बहुत से शिष्य नही रहे,इस महामारी में बहुत से अपनो को भी खोया है,अब भी इसका खतरा बना हुआ है।
इसलिए प्रत्येक शिष्य को यह प्रण लेना है,कि भारत सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए मास्क लगाएं,सोशल डिस्टेंस बनाए अपने और अपने परिवार की रक्षा करे।भव्य कार्यक्रम में भी इन नियमों का पालन किया गया।इस अवसर पर गुरूदेव की ओर से अपने हजारों शिष्यों को प्रसाद भी वितरित किया गया।....संजय शर्मा (प्रेस सचिव)
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