11 जुलाई 2022
नई दिल्ली: कोविड महामारी ने दुनियाभर में मचा रखी है। और एक बाद एक नये संकट खड़े कर रही हैं। लाखों दुखद मौतों के अलावा इसके कम दिखाई देने वाला दुष्परिणाम भी है।
(डॉ.जसवीर आर्य, मीडिया प्रतिनिधि, संयुक्त राष्ट्र संघ)
घरेलू हिंसा में दहला देने वाली वृदधि हो रही हैं। क्योंकि महिलाएं हिंसा करने वालों के साथ अकेले रहने पर मजबूर हैं। प्रसति वॉर्ड सुने है। क्योंकि महिलाओं ने गर्भधारण स्थागित कर दिया है। और महिलाएं अनचाहे गर्भधारण कर रही हैं, क्योंकि गर्भनिरोधक सेवाओं तक पहुंच अवरुद्ध हो गई हैं।
हमारे नवीनतम अनुमानों के अनुसार कोविड 4.7 करोड़ महिलाओं और लड़कियों को निपट गरीबी में धकेल देगा। स्कूल ना जा रही अनेक लड़कियां शायद स्कूल कभी नहीं लौटेगी।
हम देख रहे है। कि दुनिया के हर कोने में कठिनाई से हासिल उपलब्धिया का रुख पलट रहा है।और महिलाओं के प्रजनन अधिकारी विकल्पों एवं साधनों का क्षरण हो रहा है। महामारी के आने के बाद में यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आवंटित संसाधनों का उपयोग अन्यत्र होने लगा है। स्वास्थ्य के अधिकारों तक पहुंच की बढ़ती खाई स्वीकार नहीं कि जा सकती इस लड़ाई में महिलाओं को अकेला नहीं छोड़ा जा सकता।
इस विश्व जनसंख्या दिवस पर आइये हम संकल्प लें कि हर जगह हरेक के प्रजनन स्वास्थ्य अधिकारों को संरक्षण देंगे।
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