02 मई 2022
नरेन्द्र कुमार,
नई दिल्ली: DCW "महिला महिला आयोग" ने हस्तक्षेप कर एक रिटायर्ड सरकारी स्कूल की शिक्षिका को उनकी 10 साल से लंबित लगभग 20.59 लाख रुपये सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) की बकाया राशि प्राप्त कराने में मदद की। शिकायतकर्ता ने स्कूल अधिकारियों द्वारा पिछले 10 वर्षों से अपने जीपीएफ बकाया और सेवानिवृत्ति लाभों का भुगतान न करने के संबंध में आयोग से संपर्क किया था।
शिक्षिका ने आयोग को सूचित किया कि उन्होंने राजधानी के विभिन्न सरकारी स्कूलों में 30 से अधिक वर्षों तक काम किया है और वह 2012 में दल्लूपुरा के एक सरकारी स्कूल में वह सेनानिवृत्त हुईं। परंतु उनके रिटायरमेंट के 10 साल से अधिक समय बीतने के बावजूद भी उन्हे अपना बकाया जीपीएफ और सेवानिवृत्ति लाभ नहीं मिले, जिसके लिए वह कई वर्षों से संघर्ष कर रही थी और फिर उन्होंने इस संदर्भ में आयोग को संपर्क किया।
दिल्ली महिला आयोग की सदस्य श्रीमती प्रोमिला गुप्ता ने शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए शिकायतकर्ता शिक्षिका से मुलाकात की जिन्होंने अपनी सालों से चल रही इस समस्या एवं इसके कारण हो रही वित्तीय कठिनाइयों को उनसे साझा किया। श्रीमती प्रोमिला गुप्ता ने इस मामले का शीघ्र निपटारा करने के लिए शिक्षा विभाग, दिल्ली सरकार को तुरंत नोटिस और समन जारी किया। उसके बाद अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की गई और सेवानिवृत्त शिक्षिका को उनका हक प्राप्त हुआ। आयोग को शिक्षा विभाग ने सूचित करते हुए बताया कि शिक्षिका को 20,59,881/- का जीपीएफ भुगतान किया जा चुका है और साथ ही साथ विभाग उनको जल्द से जल्द उनके सेवानिवृत्ति लाभों को प्रदान करने हेतु भी प्रयास कर रहा है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने भी मामले का संज्ञान लिया है और शिक्षा विभाग को समन करके जीपीएफ बकाया राशि प्रदान करने में इतनी देरी होने का कारण पूछा है। उन्होंने विभाग को जल्द से जल्द शिक्षिका को उनके सेवानिवृत्ति लाभ प्रदान करने हेतु जिम्मेदारी तय करने को भी कहा है।
*दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक सेवानिवृत्त शिक्षिका को 30 से अधिक वर्षों तक कड़ी मेहनत करने के बावजूद भी अपने अधिकार का जीपीएफ बकाया राशि प्राप्त करने के लिए 10 वर्षों तक इंतजार करना पड़ा।। आयोग यह सुनिश्चित करेगा की शिक्षिका को उनके अन्य सेवानिवृत्ति लाभ भी जल्द से जल्द प्रदान किए जाएं। मैंने शिक्षा विभाग को तलब कर जीपीएफ राशि मिलने में इतनी देरी के लिए जिम्मेदारी तय करने को कहते हुए उनसे जवाब मांगा है। उत्पीड़न के प्रति आयोग की जीरो टॉलरेंस की नीति है और इस मामले में आयोग कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।*
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